Sunday, May 06, 2007

Adarsh Prem By Dr. Bachchan

प्यार किसी को करना लेकिन
कहकर उसे बताना कया
अपने को अपर्ण करना पर
औ‌र को अपनाना क्या

गुण का ग्राहक बनना लेकिन
गाकर उसे सुनाना क्या
मन के कल्पित भावों से
औरों को भ्रम में लाना क्या

ले लेना सुगन्ध सुमनों की
तोड़ उन्हें मुरझाना क्या
प्रेम हार पहनाना लेकिन
प्रेम पाश फैलाना क्या

त्याग अंक में पले प्रेम शिशु
उनमें स्वार्थ बताना क्या
देकर ह्रदय ह्रदय पाने की
आशा व्यर्थ लगाना क्या
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By Dr. Harvansh Rai Bachchan.

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